Logo
तस्माद्यस्य महाबाहो निगृहीतानि सर्वशः ।
इन्द्रियाणीन्द्रियार्थेभ्यस्तस्य प्रज्ञा प्रतिष्ठिता ।।
अर्थ इसलिए हे महाबाहो ! जिस मनुष्य की इन्द्रियाँ इन्द्रियों के विषयों से सर्वथा वश में की हुई हैं, उसकी बुद्धि स्थिर है। व्याख्याइसलिए हे महाबाहो! (बड़ी बड़ी भुजा वाले महाबाहो) जिस मनुष्य की इन्द्रियां, मन, वश में है उसकी बुद्धि स्थिर है यानि समसाधक योगी है।
logo

अपने आप को गीता परमरहस्यम् की गहन शिक्षाओं में डुबो दें, यह एक कालातीत मार्गदर्शक है जो आत्म-खोज और आंतरिक विकास का मार्ग प्रशस्त करता है।

Follow us on

अधिक जानकारी या निस्वार्थ योगदान के लिए आज ही संपर्क करे।

[email protected] [email protected]