भयाद्रणादुपरतं मंस्यन्ते त्वां महारथाः।
येषां च त्वं बहुमतो भूत्वा यास्यसि लाघवम्।।
येषां च त्वं बहुमतो भूत्वा यास्यसि लाघवम्।।
अर्थ तथा महारथी लोग तुझे भय के कारण युद्ध से हटा हुआ मानेंगे। जिनकी धारणा में तू बहुमान्य हो चुका है, उनकी दृष्टि में तू लघुता को प्राप्त हो जायेगा। व्याख्याभीष्म, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, शल्य और भी बहुत बड़े-बड़े महारथी हैं। उनकी दृष्टि में तू बहुत बड़ा महारथी है।
उनके मन में विश्वास है कि नामी शूरवीर तो अर्जुन ही है।
अगर अब तू युद्ध नहीं करेगा तो उन महारथियों के सामने तू लघुता (तुच्छता) को प्राप्त हो जायेगा। उनकी दृष्टि में तू गिर जायेगा वह सब तुझको भय के कारण हटा हुआ मानेंगे।