Logo
लेलिह्यसे ग्रसमानः समन्ता ल्लोकान्समग्रान्वदनैर्ज्वलद्भिः।
तेजोभिरापूर्य जगत्समग्रं भासस्तवोग्राः प्रतपन्ति विष्णो।।
अर्थ आप अपने प्रज्वलित मुखों द्वारा सम्पूर्ण लोकों का घर्षण करते हुए उन्हें सब ओर से बार-बार चट कर रहें हैं और हे विष्णो आपका उग्र प्रकाश अपने तेज से सम्पूर्ण जगत को परिपूर्ण करके सबको तपा रहा है। व्याख्यागीता अध्याय 11 का श्लोक 30 आगे अर्जुन कहते हैं परम विश्व रूप का वर्णन करते हुए कि आप अपने प्रज्वलित मुखों द्वारा सम्पूर्ण लोकों का घर्षण करते हुए उन्हें सब ओर से बार-बार चट कर रहे हैं अर्थात् भगवान की कालरूप जीभ के लपेट से कोई भी प्राणी बच नहीं सकता। और हे विष्णों आप अपने उग्र प्रकाश से सम्पूर्ण जगत को परिपूर्ण करके तपा रहे हो।
logo

अपने आप को गीता परमरहस्यम् की गहन शिक्षाओं में डुबो दें, यह एक कालातीत मार्गदर्शक है जो आत्म-खोज और आंतरिक विकास का मार्ग प्रशस्त करता है।

Follow us on

अधिक जानकारी या निस्वार्थ योगदान के लिए आज ही संपर्क करे।

[email protected] [email protected]