Logo
दिवि सूर्यसहस्रस्य भवेद्युगपदुत्थिता।
यदि भाः सदृशी सा स्याद्भासस्तस्य महात्मनः।।
अर्थ अगर आकाश में एक साथ हजारों सूर्यों का उदय हो जाए, तो भी उन सबका प्रकाश मिलकर परमात्मा के प्रकाश के समान शायद ही हो अर्थात् नहीं हो सकता। व्याख्यागीता अध्याय 11 का श्लोक 12 जैसे आकाश में हजारों तारे एक साथ उदित होने पर उन सब का मिला हुआ प्रकाश एक चन्द्रमा के बराबर नहीं हो सकता। ऐसे ही हजारों चन्द्रमा का प्रकाश एक सूर्य के बराबर नहीं, ऐसे ही हजारों सूर्य का प्रकाश मिलकर भी एक परम प्रभु की बराबरी नहीं कर सकता। संजय के पास शब्द नहीं थे तब उन्होंने धृतराष्ट्र को हजारों सूर्य का उदाहरण दिया है, नहीं तो हजारों सूर्य का प्रकाश भी तो परम का ही दिया हुआ है। अगर सम्पूर्ण जगत सूर्य बन जाए तब जो प्रकाश होता है, वह प्रकाश भी शायद ही परम प्रकाश के बराबर हो।
logo

अपने आप को गीता परमरहस्यम् की गहन शिक्षाओं में डुबो दें, यह एक कालातीत मार्गदर्शक है जो आत्म-खोज और आंतरिक विकास का मार्ग प्रशस्त करता है।

Follow us on

अधिक जानकारी या निस्वार्थ योगदान के लिए आज ही संपर्क करे।

[email protected] [email protected]